ट्रेन में अकेली महिला को दो पुरुषों के बीच सीट क्यों नहीं दी जाती है? वजह है बेहद खास
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भारतीय रेलवे में ट्रेन से सफर तो हर कोई करता है, लेकिन इससे जुड़े कुछ नियम हैं जो शायद ही कुछ लोगों को पता हों। आजकल घूमना एक शौक के साथ-साथ एक रुतबा भी बनता जा रहा है। पुरुषों के लिए ट्रेन में अकेले सफर करना आसान होता है, लेकिन महिला यात्री की सीट दो पुरुषों के बीच होने पर महिलाओं के लिए सफर करना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में उसे कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इस बीच आप लोगों को इन सीटों में बदलाव करने के बारे में बताएंगे तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
अगर आप महिला यात्री हैं और ट्रेन में अकेले सफर करने की सोच रही हैं तो यह खबर आपके लिए है। क्योंकि इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने उन महिला यात्रियों के लिए एक ऐसी सुविधा प्रदान की है, जिसकी मदद से आप देश में कहीं भी बिना किसी डर के आराम से घूम सकती हैं।
यदि कोई महिला यात्री आईआरसीटीसी के माध्यम से अपना टिकट बुक करती है, तो उसे उस स्थान पर सीट दी जाती है जहां एक सहभागी का नाम पहले ही बुक हो चुका होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि एक अकेली महिला पुरुषों के बीच बैठने में असहज और असुरक्षित महसूस न करे।
यह प्रक्रिया कभी बहुत कठिन थी, लेकिन डिजिटल समय के आगमन के साथ, चीजें बेहतर हो गई हैं। पहले यात्रियों को अपना टिकट बुक करने के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था, लेकिन अब आईआरसीटीसी के माध्यम से घर बैठे मिनटों में टिकट बुक किया जा सकता है। जिसका अर्थ है कि यह वर्ष का सबसे अधिक भ्रमित करने वाला समय भी होने वाला है।
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