मेक्सिको को के इस आइलैंड पर हजारों डरावनी गुड़िया रहस्यमय तरीके से पेड़ पर लटकी हुई हैं, जानिए पूरी कहानी

Thousands of scary dolls

मेक्सिको को के इस आइलैंड पर हजारों डरावनी गुड़िया रहस्यमय तरीके से पेड़ पर लटकी हुई हैं, जानिए  पूरी कहानी


हेलो दोस्तों

आज हम बात करेंगे। एक ऐसे गार्डन के बारे में जो कि बेहद डरावना है। यह गार्डन मेक्सिको शहर से 17 मील की दूरी पर साउथ में शामिल को कैनाल में स्थित है जिसका नाम लायसला डेला महीने का है। पर अब यह गार्डन द आइलैंड ऑफ डॉल्स के नाम से भी जाना जाता है।

इस गार्डन की खास बात यह है कि यहां हजारों की तादाद में टूटी-फूटी डांस लड़की हुई है जो कि दिखने में बेहद डरावनी नजर आती हैं। दोस्तों इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि इस गार्डन में इतनी टूटी-फूटी डॉल्स कहां से आई और इसके आने के पीछे की क्या कहानी है तो दोस्तों चलिए वीडियो को शुरू करते हैं और जानते हैं इस गार्डन के बारे में यह गार्डन लोगों की नजर में दबा।

जब 1990 में मेक्सिको सरकार ने इस आईलैंड में सफाई करने का काम शुरू करवाया। सफाई का काम करते हुए जब कुछ कर्मचारी इस गार्डन तक पहुंचे तब उन्होंने यहां पेड़ों पर लटकी हुई हजारों दोस्त को देखा।

जब यह बात मैं किसी को सरकार तक पहुंची तो सभी यह सोचने लगे कि आखिर यह इतनी सारी डॉल्स यहां कैसे आएगी और इन्हें यहां किसने लटकाया। इसके पीछे क्या कारण हो सकता है। पर कुछ दिन छानबीन करने के बाद पता चला कि यहां इतनी सारी डॉल्स एक शख्स ने लटकाए थी जिनका नाम सेंड थाना बरेला थाना बरेला वह व्यक्ति थे जो अपने घर बार को छोड़कर इस आईलैंड पर एकाकी जीवन बिताने के लिए आए थे।

वह साइलेंट पर रहने वाले इकलौते शख्स थे। उनके यहां आने के कुछ ही दिनों बाद आई लाइन के किनारे पर एक बच्चे की डूबने की वजह से मौत हो जाती है जो कि वहां अपने परिवार के साथ घूमने के लिए आई थी।

उसकी मृत्यु के कुछ ही दिनों बाद संतानों को उसी जगह पर। पानी में तैरती हुई एक डॉल मिलती है जहां उस बच्चे की डूबकर मृत्यु हुई थी। सेंटा ना उस डॉल को निकालते हैं। ना जाने क्यों उन्हें ऐसा लगता है कि उस दौर में उस लड़की की आत्मा है और यदि वह अपने आईलैंड पैसे लटका देंगे तो आत्मा उन्हें परेशान नहीं करेगी।

इसीलिए वह उस डॉल को वापस नहीं सकते हैं और उसे एक पेड़ पर टांग देते हैं। उसके बाद से जब भी उन्हें इस आईलैंड के आसपास कोई भी डॉल मिलती थी तो वह उसे निकालकर अपने आईलैंड पर लटका देते थे। धीरे-धीरे यह संख्या बढ़कर सैकड़ों में पहुंच गई। 1990 में सांची मिल्क ओं कैनाल की सफाई के वक्त यह आइलैंड लोगों की नजर में आ गया।

मीडिया में इस की बातें हुई और लोगों का इस पर आना-जाना शुरू हो गया। सन् 2001 में सेंट आना वगैरा भी उसी जगह पर पानी में डूबे हुए मृत पाए गए। जहां कि वह बच्चे डूब के मरी थी। उनकी मौत कैसे हुई यह आज भी एक रहस्य बना हुआ है क्योंकि रात को साइलेंट पर मैं अकेले ही रहते थे पर। क्योंकि उनकी लाश उसी जगह पर मिली जहां की बच्ची डूब के मरी थी।

इसीलिए लोग ऐसा कहने लग गए कि बच्चे की आत्मा ही उनकी मृत्यु का कारण है। कुछ स्थानीय लोग यह बताते हैं कि यहां सारी डांस आपस में बातें करती हैं। उनके मुताबिक इस देश में प्रेत आत्माओं का वास है। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि यहां सारी डॉल्स अपनी आंखों की पुतलियों को भी जब गाती हैं, लेकिन अभी ऐड और थाईलैंड टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन चुका है। लोग यहां पर घूमने आते हैं, पर यहां गाइड के बिना घूमना नामुमकिन है। रात को यह आइलैंड विरान ही रहता है। रात को ही साइलेंट पर जाना प्रतिबंधित है।

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