मृत्यु के बाद शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता है?

Why is the dead body

मृत्यु के बाद शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता है?


मित्रों जैसे दिन के बाद रात होना निश्चित है। ठीक उसी प्रकार यह भी निश्चित है कि इसमें एक ना एक दिन मरना अवश्य ही है। अर्थात अगर पृथ्वी लोक पर कोई सबसे बड़ा सत्य है तो वह है प्राणी की मृत्यु फिर भी कुछ लोग ऐसे होते हैं जो इस सच्चाई को स्वीकार करना नहीं चाहते। आप सभी देखा होगा कि हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद शव को जलाया जाता है कि आपने भी देखा होगा। अगर किसी की मृत्यु सूर्यास्त के बाद होती है।

अगले दिन रात को नहीं। ऐसे में आपने गौर किया होगा कि किसी परिवार में अगर किसी की मृत्यु शाम के बाद होती है। उसके शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता। परंतु मित्रों क्या आप जानते हैं कि सब को रात भर अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता। अगर नहीं तो इस वीडियो को जरूर देखें कि मैं आपको इसी सवाल का जवाब बताने वाला। तू चली आ तो बिना किसी देरी के गरुड़ पुराण की यह बातें जानते हैं।

हमारे धर्म में मृत्यु के बाद शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता। यह बताने से पहले हम आपको यह बता देते हैं कि कब कब अथवा किन परिस्थितियों में शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता। फिर कुछ समय के लिए टाल दिया जाता है। मित्रों को सबसे पहले बता दूं कि हिंदू धर्म में अगर किसी की मृत्यु सूर्यास्त के बाद होती है तो उसके शव को रात भर घर पर ही रखा जाता है और अगले दिन उसका दाह संस्कार किया जाता है।

इसके अलावा अगर किसी की मृत्यु पंचक समय में होती है तो उसके शव को भी कुछ समय के लिए घर पर रखा जाता है और जब पंचक काल समाप्त होता है, उसके बाद ही उसका दाह संस्कार किया जाता है कि गरुड़ पुराण में बताया गया है कि शासन किया जाए। उसकी प्राप्ति नहीं होती। इसीलिए अगर कोई रात में मर जाए तो ऐसी स्थिति में नहीं रखा जाता है।

ऐसे में शरीर को एक भी पल के लिए अकेला नहीं छोड़ा जाता और कोई ना कोई व्यक्ति हमेशा रखवाली के लिए मौजूद रहता है। छोड़ने का सबसे बड़ा कारण है कि अगर चल को अकेला छोड़ दिया जाए तो हो सकता है कि जानवर आदमी ऐसे ही यातनाएं सहनी पड़ती है। साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि अगर सब को अकेला छोड़ दिया जाए तो उसे गंध आने लगती है।

यह जरूरी हो जाता है और धूपिया अगरबत्ती सब के चारों तरफ जलाता रहे ताकि सब से आने वाली दुर्गंध चारों ओर फैले गरुड़ पुराण के अनुसार भगवान विष्णु जी के पूछने पर कहते हैं। पक्षीराज इन सबके अलावा और किसी की मृत्यु हो जाती है और उसकी कोई भी संतान नहीं है।

ऐसे समय पर भी शव को घर पर रखा जा सकता है जब तक कि उसका पुत्र या फिर पुत्र कि जब खुद की संतान शरीर को मुखाग्नि नहीं देती तो उसका उद्धार नहीं हो पाता। अर्थ में भटकता रहता है कि सूर्यास्त के बाद अगर किसी मृत शरीर को जला दिया जाए अर्थात उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाए अथवा की कष्ट सहने पड़ते हैं और यही वजह है कि हिंदू धर्म में रात को अंतिम संस्कार करने से मना किया गया है। आगे भी बताते हैं कि मृत शरीर में आसपास भटक रहे दुरात्मा ही प्रवेश कर जाती है जिससे मृतक के परिजनों को भी बताते हैं।

इसलिए भी नहीं छोड़ा जाता क्योंकि मरे हुए आदमी की आत्मा भटकती रहती है और अपने परिजनों को देखती रहती है। कहा जाता है कि इंसान की मौत के बाद शरीर आत्मा से खाली हो जाता और इसी वजह से उस मृत शरीर में कोई बुरी आत्मा का साया अपना अधिकार जमा सकता है और यही वजह है। दोस्तों की रात में सबको अकेले नहीं छोड़ा जाता और कोई ना कोई इस की रखवाली करता रहता है। 

यह भी पढ़े 

'ब्लैक डेथ' की महामारी से दागी है यूरोप के इस चर्च का इतिहास

रहस्यमयी मौत, जिसमें इंसान अपने तरीके से जलता नजर आता है

आत्मा जहां शरीर के अंदर है, वह शास्त्रों में लिखा था लेकिन अब वैज्ञानिकों ने भी इसे स्वीकार कर लिया है।



JOIN WHATSAPP GROUP FOR LATEST UPDATES.