सालों बाद जिसे मेरी याद आयी....
story of one person who called after long time
सालों बाद उसको मेरी याद आयी....
यही रात के करीब 1:30 बज रहे थे मैं जगा हुआ था. इंस्टाग्राम पर फीड्स स्क्रॉल कर रहा था memes देख रहा था अचानक एक अननोन नंबर से कॉल आई.....
मुझे समझ में नहीं आया कि इतनी रात को आखिर कौन हो सकता है मैंने सोचा इग्नोर कर देता हूं अगर कोई इंपॉर्टेंट कॉल होगी तो दोबारा आ जाएगी।
I ignored , लेकिन वो ऑफ फिर आई मैंने इस बार कॉल उठा ली...
Hello .....
सामने से आवाज आई, “ha hello" अचानक से पूरा मूड बदल गया मेरा, क्योंकी ये आवाज कुछ जानी पहचान सी लगा रही थी।
ये आवाज सुनते ही आँखों के सामने अँधेरा छा गया , बहुत सी यांदे ताज़ा हो गई , बहुत से झखम ताज़ा हो गए.....
मेरी टूटी हुई आवाज़ में एक बार फ़िर हेलो निकला , औऱ वहाँ से आवाज़ आई , डिस्टर्ब तो नहीं किया......
मुझे रिप्लाई करते हुए भी घबराहट सी हो रही थी , हैं बोलू ना बोलू कुछ समझ में नहीं आ रहा था मेरे मन में सवालों का भवंडर घुमने लगा...कि आखिर क्यों , आज ऐसे अचानक इतने सालों बाद मेरी याद आ गई , क्यों आए हो अब ...
मैंने हिम्मत करके बोला , “नहीं , बोलो” उसने पूछा , “कैसे हो ?" मैंने कहा ठीक हूं , तुम ?" मेरे इस सवाल के बाद उसका रोना छूट गया , और कहा , “ठीक नहीं हूं"
अब में और भी ज्यादा कंफ्यूज हो गया कि यह हो क्या रहा है ? इतने सालों के बाद देर रात को कॉल आती है और रोना निकल गया...
मैंने छुपाया , बात करी तो पता चला कि वह जिसके साथ थी उसने उसको किसी और के लिए छोड़ दिया....
वो जैसे-जैसे बता रही थी, कि जिस तरह से वो गिड़गिड़ाई उसके लिए , उसे रुकने के लिए , उसके प्यार के लिए , उसी तरह मैं भी गिड़गिड़ाया था एक दिन....
उसी के लिए , उसी के प्यार के लिए , और जिस तरह से उस लड़के ने मुड़कर नहीं देखा उसे , उसी तरह उसने भी नहीं मुड़ के देखा था मुझे.....
मेरे आंखों में आंसू थे , और चेहरे पर मुस्कुराहट , किसी के कर्मों कि सज़ा उसे बखूबी मिली है , किसी के सच्चे प्यार को ठुकराने के सज़ा बड़ी शिद्दत से मिली है ....
वो रोते रोते मुझसे माफ़ी माँगने लगी , बहुत माफ़ी माँगी , बहुत मिन्नतें कि , कि मैं उसे माफ़ करके उसे अपना लू , उसे अपनी ज़िंदगी में वापस बुला लू....
मैंने उसे कई साल प्यार किया था , कई साल लग गए मुझे उसके प्यार से उभरने में , वो लौटी तो ऐसा लगा जैसे मेरी जिंदगी, मेरी खुशियां लौट आई....
मैंने उसे माफ कर दिया , फिर उसने मुझसे पूछा, क्या तुम मुझे अपनाओगे....
इस सवाल को सुनते ही मुझे वो सारे दिन, सारी यादें, सारे किस्से याद आ गए, हमारी पूरी रिलेशनशिप फ्लैश हो गई
और मैंने आंखों में आंसू लिए, जवाब दिया.....
“कभी नहीं......."
मैं तुम्हें तुम्हारे किए माफ जरूर कर सकता हूं , पर तुम्हारे जैसे इंसान को अपनाने की भूल कभी जिंदगी में नहीं कर सकता.....
वो ज़ख्म जो तुमने दिए , वो आंसू जो तुम्हारी याद में हर रात , दिन , महीने , सालों तक बहाए वो कैसे भूल जाऊं वह दर्द जो तुमने दिया है उसे कैसे भूल जाऊं ??
ये जो हुआ हैं ना तुम्हारे साथ , यह तुम्हारे कर्मों की सजा है, और इसे तुम्हें भुगतना पड़ेगा ना चाह कर भी...
अगर तुम्हारी कोई मजबूरी होती तो शायद मैं एक बार तो तुम्हें अपना भी लेता , मगर तुमने मुझे किसी और के लिए छोड़ा. “YOU REPLACED ME.."
HOW CAN I FORGET ? , I'M SORRY ... लेकिन मैं तुम्हारे साथ अब औऱ नहीं चल सकता , हो सके तो दोबारा कॉल मत करना.....
इतना कहते ही मैंने फोन रख दिया , यह पहली बार था जो मैंने उसको “ना" कहा था...
मुझे रोना तो बहुत आया, औऱ मैं रोया भी पर मैंने गलतियां दौरान दोहराने ने की भूल नहीं की.....
जिंदगी में एक वक्त ऐसा आता है जब आपको दिल नहीं दिमाग से काम लेना पड़ता है। दिल अक्सर बहका देता है पर दिमाग सब जानता है, सही गलत , सब कुछ जानता है
हम सारी जिंदगी दिल की सुनते रहते हैं , और दिमाग को इग्नोर करते रहते हैं......।