हवा में तैरते इस पत्थर का राज जानकर आपके होश उड़ जाएंगे,करिश्मे से विज्ञान भी हार गया
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दुनिया में जो कुछ भी होता है उसके पीछे वैज्ञानिक कारण होता है। मौसम बदलने पर इंद्रधनुष बनते हैं? पत्ते हरे क्यों होते हैं? लेकिन दुनिया में कुछ सवाल ऐसे भी हैं जिनके खिलाफ वैज्ञानिक भी फेल हो चुके हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिलता है अजमेर शरीफ के उस घर में जहां सालों से एक पत्थर हवा में तैर रहा है।
सालों से हवा में तैर रहा है ये पत्थर
ऐसा लगता है कि कुछ सुना है। मैं आपको बता दूं - यह कोई मजाक नहीं था लेकिन यह बिल्कुल सच था। यकीन न हो तो दरगाह शरीफ की सीढ़ियों पर एक पत्थर के पास अजमेर को हवा में तैरता देख पाएंगे। आपको बता दें कि इस पत्थर की खास बात यह है कि यह पत्थर सालों से बिना किसी सहारे के जमीन से 2 इंच की दूरी पर खड़ा है। कई वैज्ञानिकों ने यहां आकर इस पत्थर पर कई तरह के शोध किए। लेकिन हर बार वे इस राज को छुपाने में नाकाम रहे।
इसके पीछे की मान्यता कुछ इस प्रकार है
इस पत्थर के बारे में एक मिथक है। कहा जाता है कि ख्वाजा जी ने एक बार वादी को इस पत्थर से बचाया था। दरअसल, एक बार ख्वाजा जी के पास एक वादी आया तो उन्होंने देखा कि एक पत्थर उनकी ओर बढ़ रहा है। पत्थर को अपने पास आते देख वादी चौंक गया, लेकिन उसने ख्वाजा को सच्चे दिल से याद किया। उस समय वादी पर पत्थर गिरने के स्थान पर वह हवा में रहता है और इन सब में से पत्थर वहीं तैरता रहता है।
यहां के लोग हर बात को बहुत गंभीरता से लेते हैं, कहा जाता है कि जो भी ख्वाजा के दर से जाता है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, फिर से आना चाहता है। इतना ही नहीं आपको यहां ईरानी और हिंदुस्तानी वास्तुकला का अनूठा संगम भी देखने को मिलेगा। इन सबके बीच दूर-दूर से लोग इस प्रभावशाली पत्थर को देखने के लिए आते हैं।
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