जानिए मिस्त्र इतिहास् का विचित्र राजा तुतनखामेन
Know the strange king of
4700 वर्ष पूर्व स्थापित असम राज्य में टीचरों सम्राट यानी राजा हुए हैं। बड़ी सभी में तूतनखामेन इतिहास का सबसे रहस्यमई और शापित राजा माना जाता है जो अपनी खोज के समय से ही एक पहेली बना हुआ है और समय-समय पर इसके बारे में कई चौकाने वाले खुलासे भी किए गए हैं। इतिहास के सबसे रहस्यमई पर शापित राजा तूतनखामेन के बारे में। दोस्तों हमारी दुनिया रहस्यों से भरी हुई है और हमारे आसपास की दुनिया में न जाने कितने ही ऐसे रहते हैं जिनके बारे में आज तक कोई नहीं जान सका है। इसी तरह में एक ऐसी जगह है जहां पर ना जाने कितने राज्य हैं जिन पर से आज तक पर्दा नहीं उठ सका है।
ऐसा ही एक रहस्य है। 19 साल की उम्र में मौत का शिकार हुए प्राचीन मिस्र के सबसे चर्चित राजा तूतनखामेन का जिसकी मृत्यु आज करीब 3000 साल बाद भी एक रहस्य बना हुआ है। 1922 में दो पुरातत्व विशेषज्ञ हो वेट काटा और लौटकर नहीं जब उसकी कब्र की खोज की थी। संसाधनों की खोज की बेहद सराहना हुई। तूतनखामेन की मम्मी और उसके कब्र से निकली वस्तुओं के आधार पर उसका इतिहास गढ़ा गया जिससे उस दौर के इतिहास को समझने में सहायता मिलती है। तूतनखामेन की पिता का नाम। तीन था जो इस दौर में मिस्र का पड़ाव था। केवल 9 वर्ष की आयु में 1933 से पूर्व में तूतनखामेन को मिस्र का राजा बना दिया गया। उस दौर में मिस्र के राजाओं को बढ़ाओ कहा जाता था।
अल्पायु और अनुभवहीन राजा को उनके निजी सलाहकार एवं चाचा कमांडर ने संभाला जब तूतनखामेन राजा बना उसने अपनी सौतेली बहन अंकित चुनाव से विवाह कर लिया। उनके दो जन्मे बच्चे थे, जिनमें से एक गर्भ में 5 महीने में मर गया और दूसरे 9 महीने में मर गया। यह सारी जानकारियां खुद के दौरान मिले। उनकी मम्मी और सामानों से पता चला था। तूतनखामेन ने अपने पिता के विरुद्ध जाकर अपने पिता की कई नियमों में बदलाव किया था जिनमें सबसे पहला था। सूर्य देव की पूजा को खत्म आकर चंद्र देव की पूजा को महत्व देना।
उसने अपने राज्य की राजधानी को वापस से देश राज्य में बसाया और अपने पिता की नातिन के शहर को उजाड़ दिया। उसने अपनी फरमान को और ज्यादा प्रबल करने के लिए चंद्र देव के की मंदिर और इमारत भी बनवाए जो कि उसके पिरामिड में देखने को मिलते हैं। तूतनखामेन को जितनी प्रसिद्धि शायद अपने पूरे शासनकाल में नहीं मिली होगी। उसी प्रसिद्धि उनकी मौत के बाद मिली।
1922 में हावर्ड काटने सुजन खान की मम्मी ढूंढ निकाली जो कि वैली ऑफ़ किंग्स में रखी हुई थी। वैली ऑफ़ किंग्स में विश्व के प्राचीन शास्त्रों की मम्मी को रखा गया है। उनके कब्जे से सुने और हाथी जान से बने आभूषणों का जखीरा मिला था। कार्टर ने अपनी स्टडी में लिखा था कि जब उन्होंने पहली बार तूतनखामेन की मम्मी को देखा था तो उनके मम्मी ने ताबिश पहन रखा था और उनका पूरा चेहरा सोने से बने मास के
से ढका हुआ था। सभी सामानों को निकालने के लिए काटा और उनकी टीम के सदस्यों को तुरंत हम इनके शरीर के कई टुकड़े करने पड़े थे।
सोने के मांस को हटाने के लिए जड़ में छोड़ी और तारों का। माल किया गया। इस मासूम को बांध की तरह तूतनखामेन के चेहरे पर चढ़ाया गया था। काटे हुए शरीर को दोबारा ठीक करने के बाद सन् 1926 में इसे फिर से अपनी पुरानी जगह पर रख दिया गया। उसके बाद से तूतनखामेन की मम्मी को एक्स-रे के लिए सिर्फ तीन बार बाहर निकाला गया है।
वर्ष 1968 में हुए एक्सीडेंट ऐसा पता चला की हड्डी के टुकड़ा खोपड़ी में फंसा हुआ है जिससे कयास लगाया जा रहा है कि 19 वर्ष तूतनखामेन की मौत स्वभाविक नहीं थी बल्कि उनकी हत्या की गई थी या फिर उनकी मौत किसी हादसे में हुई थी। पुरातत्व विशेषज्ञ वर्ट्काउंटर को पूरा विश्वास था कि राजा तूतनखामेन का मकबरा वैल्यू ऑफ़ किंग्स में ही मौजूद है कि वर्षों की खोज के बाद उन्होंने मकबरा तू खोज निकाला, लेकिन कहते हैं कि इस मकबरे पर अभिशाप लिखा हुआ था कि जो भी राजा की शांति भंग करेगा, उसकी मौत हो जाएगी इसमें कितने? था और कितना झूठ यह कोई नहीं जानता। किंतु कहते हैं कि खोजी दल के सदस्य स्वभाविक कांड में मारे गए जिसके बाद से लूंगी से राजा का श्राप मानने लगे। क्या वहां सचमुच कुछ लिखा था, यह केवल एक अंधविश्वासी है।
यह कोई नहीं जानता पर 3000 वर्ष पूर्व 19 वशी राजा तूतनखामेन अधिक रहस्य बना हुआ है जिसके बारे में समय-समय पर कई खुलासे होते रहते हैं। धन्यवाद दोस्तों आज की वीडियो में बस इतना ही है। आपको क्या लगता है कि क्या यह सचमुच श्रापित है। यह केवल एक अंधविश्वासी है और क्या आप इतिहास के रहस्यों में रुचि रखते हैं। अगर आप रुचि रखते हैं तो आपको यहां से कौन से देश के बारे में जानना
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