यहां होती है ऐसे व्यक्ति की पूजा, जानकर यकीन नहीं करेंगे आप, महाभारत से है संबंध
shakuni-mama-mandir-in-kerala-is-known-as-pavitreshwarm-know-history
महाभारत में कई किरदार ऐसे हुए हैं, जिनकी पूजा की जाती है. फिर चाहे वे भगवान श्रीकृष्ण हों, भीष्म पितामह हों, पांडव हों या गुरु द्रोण हों. लेकिन केरल में महाभारत काल के एक ऐसे व्यक्ति का मंदिर है, जिसकी पूजा की कल्पना करना भी मुश्किल है.
नई दिल्ली: भारत अजीबो-गरीब और रहस्यमयी मंदिरों का घर है. यहां के कुछ मंदिरों में ऐसी अजीब चीजों की पूजा होती है, जिस पर यकीन करना मुश्किल है. ऐसे ही एक मंदिर में से एक है दक्षिण भारतीय राज्य केरल का मायम्कोट्टू मलंचारुवु मलनाड मंदिर. इस मंदिर में महाभारत के एक ऐसा व्यक्ति की पूजा की जाती है, जिसे आमतौर पर विलेन का दर्जा दिया जाता है. यहां तक कहा जाता है कि इस व्यक्ति के स्वार्थ के चलते ही महाभारत का युद्ध हुआ और उसमें लाखों लोगों की जान गईं.
मामा शकुनि की होती है पूजा
केरल के इस मंदिर में दुर्योधन के मामा शकुनि की पूजा की जाती है. कहते हैं कि जब जब महाभारत युद्ध खत्म हो गया और दुर्योधन की भी मृत्यु हो गई, तो मामा शकुनि को प्रायश्चित हुआ कि इस महाभारत युद्ध के कारण बहुत अनर्थ हुआ है. इससे न केवल कई लोग मारे गए, बल्कि साम्राज्य की भी बहुत क्षति हुई. तब पश्चाताप के चलते शकुनि ने सन्यास ले लिया और यात्रा पर निकल पड़े. यात्रा करते-करते वे केरल राज्य के कोल्लम पहुंचे. वहां उन्होंने भगवान शिव की कठोर तपस्या की. तब भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिया. इसी जगह पर अब मामा शकुनि का मंदिर है. इस मंदिर का नाम मायम्कोट्टू मलंचारुवु मलनाड मंदिर है.
पवित्रेश्वरम नाम से है मशहूर
मामा शकुनि ने जिस पत्थर पर बैठकर तप किया था, उस पत्थर की भी पूजा होती है और यह जगह पवित्रेश्वरम के नाम से मशहूर है. इस मंदिर में मामा शकुनि के अलावा किरातमूर्ति और नागराज की भी पूजा की जाती है. साथ्ज्ञ ही हर साल मलक्कुडा महोलसवम उत्सव भी होता है, जिसमें बड़ी तादाद में लोग हिस्सा लेते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है.
यह भी पढ़े
भगवान राम ने पहले रावण के दिल में बाण क्यों नहीं मारा? ब्रह्माजी द्वारा दिया गया उत्तर
भारत का एकमात्र मंदिर जिसमें हनुमानजी के पत्नी साथ होती हैं पूजा