मशहूर स्मार्टफोन कंपनी भारतीय यूजर्स का डेटा चुराकर चीन भेज रही है, एक सर्च से हुआ खुलासा
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चीनी फोन निर्माता कंपनी Xiaomi एक बार फिर निजता के उल्लंघन के आरोप में निशाने पर आ गई है। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ने चीन में अलीबाबा के सर्वर पर यूजर्स के डेटा को भेजने की अनुमति देने के लिए जानबूझकर अपने मोबाइल में खामियां छोड़ी हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि Redmi और Mi सीरीज के हैंडसेट यूजर्स के वेब हिस्ट्री को डिफॉल्ट ब्राउजर इनकॉग्निटो मोड के साथ-साथ पहले से इंस्टॉल किए गए एप्लिकेशन में रिकॉर्ड कर सकते हैं। हालांकि, कंपनी ने शोधकर्ताओं के दावों का स्पष्ट खंडन किया है। इसने यह भी कहा कि कंपनी को कुछ उपयोगकर्ताओं के डेटा को ट्रैक करने की आवश्यकता है, लेकिन इसे तीसरे पक्ष के साथ साझा नहीं करता है।
कंपनी जानती है कि आप कितनी बार स्क्रीन को स्वाइप करते हैं
फोर्ब्स के मुताबिक अगर कोई यूजर शाओमी के डिफॉल्ट ब्राउजर के जरिए इंटरनेट एक्सेस करता है तो कंपनी उसका पूरा ब्राउजर डेटा रिकॉर्ड कर लेती है। सर्च इंजन DuckDuckGo पर पूछे गए सवाल भी गूगल और यूजर्स की प्राइवेसी के लिए रिकॉर्ड किए जाते हैं।
इसके अलावा कंपनी के हैंडसेट में दी गई न्यूज फीड सुविधा के जरिए देखे जाने वाले हर न्यूज आइटम को भी कलेक्ट किया जाता है। इसके अलावा यूजर ने हैंडसेट में कौन सा फोल्डर खोला इसकी भी जानकारी जुटाई गई है। आपको शायद यकीन न हो, लेकिन कंपनी इस बात पर भी नज़र रखती है कि आप कितनी बार अपने मोबाइल की स्क्रीन को स्वाइप करते हैं।
Google ऐप पर उपलब्ध Mi ब्राउजर भी कर रहा डेटा चोरी
शोधकर्ताओं का दावा है कि चीनी फोन निर्माता भारतीय यूजर्स के स्टेटस बार और सेटिंग्स पेज का विवरण एकत्र कर रहा है और उन्हें अलीबाबा के सर्वर में स्थानांतरित कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक Xiaomi का वेब डोमेन बीजिंग में रजिस्टर्ड है, लेकिन कंपनी यूजर्स से डेटा कलेक्ट करके सिंगापुर और रूस के रिमोट सर्वर पर भेजती है।
इसके अलावा कंपनी का एमआई ब्राउजर और गूगल प्ले पर दिया गया मिंट ब्राउजर भी यूजर्स से इसी तरह का डाटा कलेक्ट करता है। साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर गैबी सिरलिग और एंड्रयू टर्नी के मुताबिक अब तक लाखों भारतीय यूजर्स का डेटा चीन भेजा जा चुका है। सर्लिंग का कहना है कि गोपनीयता भंग करने के गंभीर मामले हैं। हालांकि, कंपनी बार-बार आरोपों से इनकार करती रही है।
एक कंपनी के प्रवक्ता ने स्वीकार किया, उपयोगकर्ता डेटा एकत्र करना
शोधकर्ताओं का कहना है कि भारतीय यूजर की पहचान और निजी जिंदगी एक खुली किताब की तरह हो गई है। उनका दावा है कि कंपनी ने जानबूझकर इन त्रुटियों को Redmi फोन में डेटा चोरी करने की अनुमति दी। सिमलिंग ने पाया कि यह दोष न केवल Redmi Note-8 में, बल्कि कंपनी के सभी फोन में भी मौजूद था। हालांकि, Mi 10, Redmi K-20 और Mi Mix-3 में उन्होंने इस खामी की पुष्टि की है। जांच के दौरान, टर्नी ने पाया कि कंपनी के मी ब्राउजर प्रो और गूगल प्ले पर उपलब्ध एमआई ब्राउजर यूजर्स एक ही डेटा चुरा रहे थे।
Google Play पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, इन दोनों ब्राउजर को अब तक 1.5 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है। कंपनी का कहना है कि सभी शोध दावे झूठे हैं। उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हालांकि, कंपनी के प्रवक्ता ने डेटा इकट्ठा करने की बात स्वीकार की। हालांकि, उन्होंने कहा कि डेटा एकत्र करने से पहले उपयोगकर्ताओं की अनुमति मांगी जाती है।
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