खत्म होगा FASTag सिस्टम: बड़ी खबर! अब आप हाईवे, एक्सप्रेस-वे पर जितने अधिक किलोमीटर चलेंगे, उतना अधिक टोल लगेगा, यहां जानिए डिटेल्स
FASTag system will end
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नई व्यवस्था के तहत हाईवे पर वाहन जितने किलोमीटर का सफर तय करता है, उसके हिसाब से टोल वसूला जाता है। यूरोपीय देशों में इस फॉर्मूले की सफलता को देखते हुए इसे भारत में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है. फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।
नयी दिल्ली। एक अप्रैल से टोल टैक्स में बढ़ोतरी का खामियाजा भुगत रहे वाहन चालकों ने जल्द ही महंगे टोल से निजात मिलने की उम्मीद बढ़ा दी है. सरकार फास्टैग सिस्टम को खत्म कर टोल कलेक्शन का नया सिस्टम लाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर आपकी कार जितने किलोमीटर चलेगी, उसके लिए आपको उतना ही टोल देना होगा.
जर्मनी और रूस जैसे यूरोपीय देशों में इस सिस्टम के जरिए टोल वसूला जा रहा है. इन देशों में इस प्रणाली की सफलता को देखते हुए इसे भारत में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है।
वाहनों में लगाया जाएगा सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम
फिलहाल एक टोल से दूसरे टोल तक की दूरी की पूरी रकम वाहनों से वसूल की जाती है। भले ही आप वहां नहीं जा रहे हों और आपकी यात्रा बीच में कहीं पूरी हो रही हो, लेकिन टोल का पूरा भुगतान करना पड़ता है। अब केंद्र सरकार सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम से टोल टैक्स वसूलने जा रही है. इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। इस सिस्टम में वाहन द्वारा हाईवे पर जितने किलोमीटर का सफर तय किया जाता है, उसके हिसाब से टोल देना पड़ता है।
ऐसे होगा टोल कलेक्शन
जर्मनी में लगभग सभी वाहनों (98.8 प्रतिशत) में उपग्रह नेविगेशन सिस्टम स्थापित हैं। वाहन के टोल रोड में प्रवेश करते ही टैक्स की गणना शुरू हो जाती है। जैसे ही वाहन बिना टोल के हाईवे से सड़क की ओर बढ़ता है, उस किलोमीटर का टोल खाते से काट लिया जाता है। टोल काटने की प्रणाली FASTag की तरह ही है। फिलहाल भारत में 97 फीसदी वाहनों पर फास्टैग से टोल लिया जा रहा है।
नई व्यवस्था लागू करने से पहले परिवहन नीति में भी बदलाव जरूरी है। विशेषज्ञ इसके लिए जरूरी बिंदु तैयार कर रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट में देशभर में 1.37 लाख वाहनों को शामिल किया गया है। रूस और दक्षिण कोरिया के विशेषज्ञों द्वारा एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार की जा रही है। यह रिपोर्ट अगले कुछ हफ्तों में जारी हो सकती है।
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