अंडमान की जारवा जनजाति से जुड़े रोचक तथ्य
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दोस्त एक ऐसा ऐलान जिसे रहस्यमई आईलैंड कहा जाता है। यह भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय माना जाता है। इस पर जो भी जाता है वह कभी भी वापस नहीं आता है जब भारत! पूरे विश्व में एक बहुत बड़ा रहस्य है। इन हालात को दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक माना जाता है। यहां की जनजाति पूरी दुनिया से अलग है। आज हम बात करने वाले हैं। इन्हीं आईलैंड से जुड़ी कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जिन्हें शायद आप नहीं जानते होंगे और जिन्हें सुनकर सारा के होश उड़ जाएं। बिना किसी देरी के सेंटिनल आइलैंड भारत के अंडमान निकोबार आइलैंड के जंगलों में स्थित है। यहां पर रहने वाली जनजाति को बाहरी दुनिया से कोई भी मतलब नहीं है।
यहां के लोग कभी भी बाहर के लोगों से नहीं मिलते हैं। उन्हें अब तक नहीं पता है कि भारत स्वतंत्र हो चुका है। इन लोगों को पैसा क्या होता है, यह तक नहीं पता है। यह लोग केवल अपने ही लोगों के संपर्क में रहते हैं। अगर यहां पर को हमारी। ऐसा कोई व्यक्ति चला जाए तो यह उसकी जान ले लेते हैं जो जनजाति दिखने में काफी ज्यादा भयानक और आदि मानव जैसे प्रेरित होती है।
यहां के लोगों का जीने का मकसद सिर्फ शिकार करना और जिंदा रहना है तो इस जनजाति का यह मानना है कि खेती करने से यहां के जंगल खत्म हो जाएंगे। इसलिए वह कभी भी खेती नहीं करते। यह लोग भोजन के लिए शिकार करते हैं और फल भी खाते हैं। यह लोग शिकार करने के लिए तीर तथा पत्थरों का प्रयोग करते हैं। इनके हथियार काफी ज्यादा भयानक और आक्रमण होते हैं। यह जनजाति के सामने अगर कोई भी जानवर आ जाए तो उनका रात का भोजन बन जाता है। दोस्तों इस जनजाति को कपड़े पहनना बिल्कुल भी पसंद नहीं है।
इसलिए अपना खुला ही रखते हैं और कुछ हद तक पत्तों का प्रयोग भी करते हैं। इन्हें कपड़े पहने हुए लोगों को देखकर बहुत ज्यादा गुस्सा आता है। शायद यही कारण है कि वह उन पर हमला कर देते हैं। दूसरे लोगों का आधुनिक उपचार करना असंभव है। यह जनजाति कभी भी भारी मानव के संपर्क में नहीं आई है। इसलिए अगर किसी के संपर्क में आ जाए तो एक इंसान जा सकती है।
एक छोटी सी बीमारी जैसे खासियत दुकान पूरे लंका विध्वंस कर सकती हैं। सरकार ने अनेक प्रयास किए हैं। इन लोगों से बात करने के लिए और जो भी व्यक्ति यहां पर जाता है, यह लोग उस पर तीर कमान से हमला कर देते हैं। यहां तक कि कोई भी मान अगर आईलैंड पर उड़ता हुआ दिख जाए तो यह लोग उस पर भी तीर कमान से हमला कर देते हैं।
एक बार कुछ मछुआरे गलती से ही साइलेंट पर मछलियां पकड़ने चले गए। जैसे ही नॉर्थ सेंटिनल जनजाति ने इन मछुआरों को देखा। उन्होंने अपने तीर कमान उसे सभी मछुआरों को मार दिया और तभी से इस सरकार ने यहां पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यहां तक कि साइलेंट पर जाने की किसी को अनुमति तक नहीं दी गई है। तो एक बार एक अमेरिकन व्यक्ति में जोनल इंचार्ज इस आईलैंड पंथिनी के लिए चले गए थे। उस दुनिया आईलैंड के रास्ते से अनजान थे। जॉब जोनल इंचार्ज जनजाति के संपर्क में आए तो उस जनजाति ने जोनल इंचार्ज जो कॉल किया जिसे देखकर पूरी दुनिया हक्की बक्की रह गई।
उसे मार दिया। 2 दिन बाद उसकी लाश समुद्र तट पर मिली। बड़ी बस का कहना है कि यहां के लोगों को बाहरी दुनिया से कोई भी लेना देना नहीं है। उन्हें कपड़े पहने लोगों को देखकर काफी ज्यादा गुस्सा आता है और इसलिए वह उनकी जान
ले लेते हैं। यहां से जुड़ी एक और इंटरेस्टिंग घटना है जिसके कारण ही चाहिए। लोग किसी से मिलना नहीं चाहते हैं। तब इंग्लैंड का भारत पर शासक था।
यह बात भारत के स्वतंत्र होने से पहले की है। कुछ लोगों ने यहां के दो लोगों को उनके बच्चों सहित पकड़ लिया था। परंतु बाहरी मनुष्य के। संपर्क में आने के कारण दोनों व्यक्तियों की मृत्यु हो गई और उनके बच्चों की भी तबीयत बिगड़ गई और इसके कारण अंग्रेजों ने उनके बच्चों को उपहार देकर उछालन पर वापस भेज दिया है। इन लोगों से संपर्क करने के पर हर बार यहां की जनजाति तीर वालों से हमला करके जान लेने लगी और इसी कारण भारत सरकार ने साफ-साफ कह दिया है कि यहां पर जाना बंद है और इस जगह पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह की जनजाति से सबसे पहले संपर्क करने वाले व्यक्ति बने टियन पंडित इनका पूरा नाम है। त्रिलोकनाथ पंडित अनेक प्रयासों के बाद यह पता चला कि और जनजाति एक कुंज नामक जाति की तरह जीवन जीती है।
इसीलिए 10 पंडित उन जाति के कुछ लोगों को लेकर उनके पास है परंतु। गोंड जनजाति को देख कर उनको और गुस्सा आ गया। यहां तक कि उन जनजाति की भाषा तक होने नहीं समझ आई। कुछ विशेष नियमों के साथ यह जनजाति ने 10 पंडित के साथ मिलने का फैसला लिया। परंतु यह मीटिंग आधे पानी में हुई चैंपियन पंडित को भी अपने कपड़े उतारने पड़े। इस मीटिंग में 10 पंडित ने नॉर्थ सेंटिनल जनजाति को कुछ भारतीय जैसे कि नारियल और उनके बच्चों के लिए गुड़िया जो मीटिंग केवल कुछ ही मिनटों के लिए हुई। इसके बाद 3 पंडित को यहां से जाना पड़ा। उस पर जाते हैं। इन्होंने 10 पंडित पर वित्तीय और बानो से आक्रमण करना शुरू कर दिया, परंतु भाग्य पंडित बच गए और उन्होंने इस जनजाति के बारे में काफी ज्यादा जानकारी प्राप्त कर ली।
इन सभी कारणों की वजह से इन आनंद को काफी ज्यादा खतरनाक माना जाता है। यहां पर जो भी जाता है यहां के लोग उन पर तीर कमान से हमला बोल देते हैं। जब यहां के बच्चों को कुछ खिलौने उपहार में दिए गए तो उन्होंने गुड़िया की मुंडी तोड़ कर फेंक दे इसीलिए इस साइलेंट पर जाना बंद है और यहां पर कोई भी नहीं जाना चाहता है। तू सबको नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड और यह किस जनजाति के बारे में क्या लगता है? क्या इन्हें भी सामान्य व्यक्ति की तरह जीने का हक है। क्या इन्हें बाहरी दुनिया के संपर्क में आना चाहिए इस पर केवल 20 30 बचे हुए हैं।
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