जूतों का रंग भी आपकी किस्मत से जुड़ा होता है, जान लें कि आपके जूते कहीं आपकी परेशानी का कारण तो नहीं हैं।
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हमारे जीवन के तार हमारे ग्रह-नक्षत्रों से जुड़े हुए हैं। छोटी से छोटी चीज या कोई बड़ा निर्णय ग्रह-नक्षत्र इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। कभी-कभी ग्रह और नक्षत्र अनुकूल होते हैं तो निर्णय सही हो जाता है और जब ग्रह और नक्षत्र हमारे खिलाफ होते हैं तो सही निर्णय भी उल्टा हो जाता है। इसका संबंध हमारे फैशन से भी है। फैशन का मतलब रंगों से शुरू होने वाले नए चलन से है। आज हम आपसे विशेष रूप से बूट-शूज के बारे में बात करने जा रहे हैं और कैसे अलग-अलग रंग के जूते हमारे लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं।
आजकल रंग-बिरंगे जूते पहनने का चलन है। लेकिन जूतों का रंग आपकी किस्मत को खराब कर सकता है। आइए जानते हैं ज्योतिष के अनुसार किस रंग की बूट-चप्पल नहीं पहननी चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जूतों का संबंध ग्रहों से होता है। पैरों का संबंध शनि से है। साथ ही बूट चप्पल का संबंध शनि और राहु से है।
इसलिए जिन लोगों की कुंडली में शनि और राहु की अच्छी स्थिति होती है, वे जूते-चप्पल के कारोबार में काफी तरक्की करते हैं। यही कारण है कि पैरों में काले, भूरे और नीले रंग के जूते पहनना शुभ माना जाता है। यदि कुंडली में मंगल खराब हो तो लाल जूते नहीं पहनने चाहिए। क्योंकि मंगल खराब हो तो जीवन में मुश्किलें बढ़ने लगती हैं।
तो पीले जूते न पहनें
जब कुंडली में चंद्रमा खराब हो तो सफेद जूते नहीं पहनने चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति का रंग पीला है, इसलिए पीले जूते और चप्पल पहनना सख्त वर्जित है। इसके अलावा पीला रंग शुभ और पवित्र माना जाता है। पीले जूते, चप्पल और सोने की पायल पहनने से जीवन में दुख, गरीबी और कई अन्य बाधाएं आ सकती हैं।
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