सोने की खान है ये नदी, बाढ़ का इंतजार कर रहे हैं लोग, जानकर हो जाएंगे हैरान
This river is a gold mine
भारत एक बहुत ही अजीब गरीब देश है। यहां अद्भुत और रोमांचक चीजें हैं, जो किसी हॉलीवुड फिल्म की कहानी से कम नहीं हैं। भारत में आज कुछ ऐसे इलाके हैं जहां नहाने से लेकर खाने-पीने तक सब कुछ नदी के पानी से होता है। भारत को पहले "सोने की चिड़िया" कहा जाता था। आज पता चला कि ऐसा क्यों कहा गया।
सोना हर साल बरसात के मौसम में मिलता है
हमारे देश में एक नदी है जो बरसात के दिनों में सोना देती है। आपको भी ये सुनकर हैरानी हो सकती है लेकिन ये सच है. इस नदी के आसपास रहने वाले लोग हर साल नदी में बाढ़ आने का इंतजार करते हैं। हम जिस नदी की बात कर रहे हैं वह बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित है। रामनगर के आसपास के कुछ गांवों में हर साल बारिश के मौसम में लोगों को सोना मिलता है.
बिहार में हर साल बाढ़ की समस्या रहती है
उन लोगों को सोना किसी और जगह से नहीं बल्कि नदी से मिलता है। लोगों का कहना है कि ये नदियां बलुई कापन और सोनहा हैं, जो हर साल अपने साथ सोना लेकर आती हैं। यहां के लोग छानकर सोना निकालते हैं और उसी के साथ अपना पूरा साल बिताते हैं। हालांकि यह सुनने में जितना आसान लगता है उतना है नहीं। बिहार में बारिश एक बड़ी समस्या रही है.
कई वर्षों से चल रहा है सोने का खनन
बाढ़ के समय भी ये नदियां भयानक रूप धारण कर लेती हैं। इस गांव के लोग नदी में पानी घटने का इंतजार कर रहे हैं. इस नदी का पानी उतरते ही लोग सोने की तलाश में निकल पड़ते हैं। नदियों में बहने वाली बालू को छानकर सोना निकाला जाता है, फिर उसे बाजार में ले जाया जाता है। इन क्षेत्रों में यह सिलसिला कई वर्षों से चल रहा है। जनजातियाँ कई वर्षों से पर्वतीय नदियों से सोना निकाल रही हैं। लेकिन किस्मत हमेशा अच्छी नहीं होती। अक्सर दिन भर मेहनत करने के बाद भी कुछ काम नहीं आता।