तिलक करने के लिए शास्त्रों में बताया गया है एक विशेष अंगुली, ब्राह्मण भी विशेष अंगुली से क्यों करता है तिलक, जानिए इसके पीछे का कारण

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तिलक करने के लिए शास्त्रों में बताया गया है एक विशेष अंगुली, ब्राह्मण भी विशेष अंगुली से क्यों करता है तिलक, जानिए इसके पीछे का कारण


तिलक आमतौर पर किसी भी पूजा के बाद माथे पर लगाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार दोनों कीलों के बीच के अजनाचक्र पर हमेशा तिलक लगाया जाता है। चंदन या कंकू का तिलक लगाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा हल्दी और कंकू का तिलक करना भी शुभ माना जाता है। पुरुषों के माथे पर चंदन और महिलाओं के माथे पर कंकू लगाना चाहिए। कहा जाता है कि तिलक, तीर्थ स्नान, जप कर्म, दान कर्म, यज्ञ, पितृ श्राद्ध कर्म और देवी-देवताओं की पूजा के बिना ये सभी कार्य विफल हो जाते हैं।

माथे पर तिलक लगाना शुभ और शुभ होता है। माथे का वह भाग जहाँ तिलक लगाया जाता है, वह आज्ञाचक्र है। शास्त्रों के अनुसार यदि पीनियल ग्रंथि को उत्तेजित किया जाए तो मस्तिष्क के अंदर एक प्रकाश का अनुभव होता है। ऋषियों ने कहा कि पीनियल ग्रंथि की उत्तेजना आज्ञाचक्र को उत्तेजित करती है।

आज्ञाचक्र पर ध्यान केंद्रित करने से साधक को पूर्ण शक्ति का अनुभव होने लगता है। इसे "चेतना का केंद्र" भी कहा जाता है। यह ग्रंथि संपूर्ण ज्ञान और चेतना की संवाहक है। आज्ञाचक्र तीसरा नेत्र है। इसे दिव्य दृष्टि से संबोधित किया जाता है। लगाने से आज्ञाचक्र जागृत होता है और मानसिकता से धार्मिकता में बदल जाता है।

बहुत से लोग सोच रहे हैं कि तिलक क्यों लगाया जाता है। तिलक लगाने से किस उंगली को फायदा होता है? साथ ही इसके पीछे वैज्ञानिक कारण क्या है? तो आज हम आपको अपने लेख में बताएंगे कि माथे पर किस उंगली का तिलक करना शुभ माना जाता है।

अंगूठे

अंगूठा इस संसार की जीवन शक्ति का प्रतीक है, इसलिए अंगूठे पर तिलक लगाने से स्वास्थ्य और सुख की प्राप्ति होती है।

तर्जनी

यह उंगली अंगूठे के बाद पहली उंगली होती है। वेदों में तर्जनी से तिलक लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यानी तर्जनी से तिलक लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए तर्जनी से तिलक लगाया जाता है।

बीच की ऊँगली

यह हथेली की मध्यमा अंगुली होती है, जिसे मध्यमा अंगुली भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस उंगली से तिलक लगाने से लंबी उम्र बढ़ती है।

अनामिका उंगली

यह मध्यमा अंगुली के बाद आता है। कहा जाता है कि इस उंगली से तिलक करने से जीवन में शांति मिलती है। मन शांत रहता है और साथ ही मान सम्मान की प्राप्ति होती है।

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