क्या आप जानते हैं हनुमानजी की उड़ान की गति? जानोगे तो हनुमानजी की शक्तियों का एहसास होगा

What was the speed of Hanumanji's flight?

क्या आप जानते हैं हनुमानजी की उड़ान की गति? जानोगे तो  हनुमानजी की शक्तियों का एहसास होगा


इस कलियुग में हनुमानजी सबसे जाग्रत और वास्तविक देवता हैं। कलियुग में हनुमानजी की भक्ति ही लोगों को कष्टों से बचा सकती है। हनुमानजी 5 कारणों से सभी देवताओं में सर्वश्रेष्ठ हैं। पहला यह है कि वह एक वास्तविक सुपरमैन है, दूसरा यह है कि वह शक्तिशाली होते हुए भी भगवान के प्रति समर्पित है, तीसरा यह है कि वह अपने भक्तों की तुरंत मदद करता है और चौथा यह है कि वह आज भी भौतिक रूप से पृथ्वी पर मौजूद है। भगवान के बाद इस ब्रह्मांड में अगर कोई शक्ति है तो वह हनुमानजी हैं। हमने हनुमानजी के बारे में कई कहानियां सुनी हैं।

ऐक समय में जब मेघनाथ के बाण से लक्ष्मणजी मूर्छित हो गये थे। उस समय हनुमानजी सुशेन वैध के लिए जड़ी-बूटी लेने हिमालय गए थे। लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि लंका से हिमालय की दूरी कितनी है और कितनी देर में हनुमानजी जड़ी-बूटी लेकर लौटे। इससे हनुमानजी की उड़ान की गति का भी पता लगाया जा सकता है।

हनुमानजी की उड़ान की गति कितनी थी?

आइए आज हम आपको बताते हैं कि हनुमानजी कितनी तेजी से उड़ेंगे। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लक्ष्मणजी और मेघनाथ के बीच युद्ध सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक हुआ था। लक्ष्मणजी मेघना द्वारा चलाए गए एक तीर से मारा गया था और लगभग 12:00 बजे होश खो बैठा था।

जब रामजी को लक्ष्मणजी के बेहोश होने की खबर मिली तो वे बहुत दुखी हुए और हनुमानजी सुशेन वैद्य को लंका से यह कहकर ले आए कि दोपहर के करीब एक बजे हैं।

सुषेन वैद्य द्वारा लक्ष्मणजी की जांच की गई और कहा गया कि ये 4 जड़ी-बूटियां हिमालय के पास द्रोणागिरी पर्वत पर मिलेंगी, जिन्हें सूर्योदय से पहले यानि शाम 5:00 बजे से पहले लाना होगा। इसके लिए दोपहर 1:30 बजे हनुमानजी हिमालय के लिए निकले होंगे।

हनुमानजी को 2500 किलोमीटर दूर हिमालय में द्रोणागिरी पर्वत से दवा लानी थी, जिसके लिए उन्हें साढ़े तीन घंटे का समय दिया गया था। इसका इलाज खोजने में आधा घंटा लग जाएगा। आधा घंटा कालनेमी नाम के दैत्य में बीतता होगा जिसने उसे प्रभावित किया था और आधा घंटा भारतीजी ने उसे नीचे लाने और वापस भेजने में लगा दिया होगा। यानी उनके पास यात्रा करने के लिए केवल 2 घंटे बचे हैं।

मात्र 2 घंटे में हनुमानजी द्रोणागिरी पर्वत हिमालय पर पहुंच गए और 5,000 किलोमीटर की यात्रा के बाद भारत पहुंचे। यानी उनकी उड़ने की गति 2,500 किलोमीटर प्रति घंटा रही होगी।

आज के आधुनिक हवाई जहाज की गति 2,400 किलोमीटर प्रति घंटा है, इसलिए हनुमानजी महाराज उससे भी तेज चले और मार्ग के भीतर 3-3 बाधाओं को पार कर सूर्योदय से पहले वापस आ गए। यह सब उनकी असाधारण शक्तियों से संभव हुआ है। इस घटना से आप हनुमानजी की शक्तियों का अंदाजा लगा सकते हैं।

यह भी पढ़े 

दादा की लीला अपरंपार हैं हनुमान, मनुष्य के अहंकार को दूर करने वाले गुमानदेव का रोचक इतिहास

जानें अमरत्व प्राप्त कर चुके 7 महापुरुषों के बारे में, आज भी हैं जीवित, देखें वीडियो

दादा की लीला अपरंपार हैं हनुमान, मनुष्य के अहंकार को दूर करने वाले गुमानदेव का रोचक इतिहास



JOIN WHATSAPP GROUP FOR LATEST UPDATES.