कौन कहता है कि मरने के बाद इंसान खाली हाथ जाता है? मरने के बाद ये 4 चीजें अपने साथ रखते हैं

Who says a person goes empty handed after death

कौन कहता है कि मरने के बाद इंसान खाली हाथ जाता है? मरने के बाद ये 4 चीजें अपने साथ रखते हैं


हमें हमेशा कहा जाता है कि इंसान की मौत के बाद उसके शरीर से सब कुछ खत्म हो जाता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। वेद पुराण और धर्म ग्रंथ के अनुसार मनुष्य की मृत्यु और शरीर के जलने के बाद भी कुछ चीजें हमेशा आत्मा में समाई रहती हैं। कुछ चीजें हैं जो मनुष्य अपने साथ ले जाते हैं। फिर जब वह आत्मा किसी दूसरे शरीर में प्रवेश करती है, तो ये चीजें भी उस आत्मा के साथ प्रवेश करती हैं। तो आइए बताते हैं ऐसी कौन सी चीज है जो इंसान मरने के बाद भी अपने साथ रखता है।

अरमान

इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि जब मृत्यु निकट आए तो सभी चीजों को त्याग कर ब्रह्म का ध्यान करना चाहिए। क्योंकि मृत्यु के समय मनुष्य जिस वस्तु के बारे में सोचता है उसकी इच्छा उसके साथ निकल जाती है और इसी इच्छा के कारण उसे जीव के शरीर में पुनर्जन्म लेना पड़ता है।

व्यक्ति का कर्म

कहा जाता है कि इंसान के कर्म हमेशा उसके साथ होते हैं। कर्म के अनुसार ही उसकी गति का समाधान होता है। ऐसा कहा जाता है कि मनुष्य हर समय कर्म करता है और अंत में सभी मनुष्यों को अगली दुनिया में ले जाने का फैसला करता है। भगवान कृष्ण ने स्वयं कहा है कि कर्म की गति 7 जन्म तक मनुष्य का पीछा नहीं छोड़ती। इसका एक उदाहरण महाभारत में मिलता है, जिसके अनुसार बाणों की शय्या पर लेटे हुए भीष्म ने कृष्ण से पूछा कि मुझे ऐसी मृत्यु क्यों मिली। तब भगवान कृष्ण ने उन्हें 5वें जन्म से पहले की घटना की याद दिलाई। जिसमें भीष्म ने एक अमर सांप को उठाकर नागफनी के कांटों पर फेंक दिया, इसलिए आपको ऐसी मृत्यु मिली है।

लिया गया ऋण या दिया गया ऋण

गरुड़ पुराण में लिखा है कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु कर्ज के कारण होती है तो उसे परलोक में अपने कर्ज का हिसाब देना होता है। कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति कर्ज लेता है तो उसे पैसे चुकाने के लिए धरती पर जन्म लेना पड़ता है और किसी को कर्ज किसी न किसी रूप में चुकाना पड़ता है।

पुण्य 

शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि बुरे कर्मों का हिसाब भगवान के पास होता है। इस प्रकार अच्छे कर्म भी पुण्य के खाते हैं और बैंक में रखे धन कहलाते हैं, जो बुरे समय में समय-समय पर काम आता है। मनुष्य द्वारा अपने जीवनकाल में किए गए अच्छे कार्यों का श्रेय उसके खाते में जाता है।

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